Shikha Arora

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लेखनी कहानी -10-Jul-2022 - नाॅन स्टाॅप 2022- गज़ल


काफिया:- आने, जाने इत्यादि
रदीफ़:- के लिए

पास क्यों मेरे आए, वो जाने के लिए,
मैंने क्या न किया, उसे पाने के लिए।

अश्कों ने कर दिया, ज़ख्म को नासूर,
चला नज़रों का खंजर, निशाने के लिए।

दिल का दर्द अब यहां, बेहाल हुआ,
छेड़ गया सरगम, वो गुनगुनाने के लिए।

वादियों ने भी, ओढ़ ली चादर सनम,
खाई थी कसमें जो, हमें मिलाने के लिए।

काली घटा ने कब से, यूं बिखेर दी रंगत,
बिजली भी चमक रही, दीवाने के लिए।

रास्ता कुछ यूं हमें, आ रहा हैं नज़र,
शमा जलती हो जैसे, परवाने के लिए।

सितारों ने भी बिखेरा, जलवा आस्मां में,
चमक उनकी बहुत, आशियाने के लिए।

दरख़्तों से शिखा, आ रही अब सदा,
जुस्तजू उठ रही, खिलखिलाने के लिए।।


# नॉन स्टॉप प्रतियोगिता २०२२
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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8 Comments

बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन

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बहुत खूब

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Seema Priyadarshini sahay

11-Jul-2022 04:12 PM

बहुत खूबसूरत

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